यूट्यूब के एक चन्नेल पे भगवान के होने का तर्क दिया जा रहा था तर्क कुछ इस प्रकार के थे "यदि आप मोबाइल में इस वक्त वीडियो देख रहे है तो जिसने इस मोबाइल का निरमाण किया वो बहार बैठ के किया अन्दर नही उसी प्रकार भगवान बहार बैठ के सरा काम करते हैं"
किन्तु जनाब नास्तिक के पास आपके इस तर्क का भी एक तर्क है मानकी जिसने मोबाइल बनया वो मोबाइल में बैठके नही बनया किन्तु हमने उन्हे इसी मोबाइल पे देखा है वो भी बोलते हमने सुना है उन्हे बोलते। उनका आस्तित्व है किन्तु भगवान का नही माफ किजीये गा ईश्वर का क्युंकि शायद आपको भगवान और ईश्वर में अन्तर नही मालुम है ऐसा पता लगता है। एक बार इस पर भी विचार जरुर करे। पेरियार रामास्वामी कहते थे की " क्या ईश्वर मूर्ख है जो हम जैसे नास्तिक को बनया है जो उसे घरि-घरि खरी-खोटी सुनता रहता है" श्रीमान इसे तर्क कहते हैं एवं आपसे निवेदन है की कृपिया ए मत कहिये गा की उसने तो अच्छा ही पैयदा किया तुम खुद नालायक बान गये ! अगर आप ऐसा सोच रहें हैं तो फिर आपकी बुद्धि अभी इतनी विकसित नही हुई है।
- A.R. Dev
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